Pages

20 मई 2024

विचार-विहीन भाजपा-विरोधी

विरोधियों की कोई विचारधारा नहीं होती है, उनको बस विरोध करना होता है. यही इनका धर्म होता है. 2014 का लोकसभा चुनाव और 2017 का उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव इन दोनों सदनों के लिए भाजपा के लिए नितांत नया मोर्चा था. केन्द्र में दस साल तक कांग्रेस रही थी उसी तरह उत्तर प्रदेश में भाजपा लम्बे समय से सत्ता से बाहर थी.


2019 के लोकसभा चुनाव में और 2022 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा के पास पाँच वर्ष का अनुभव था. अपने मित्रों के साथ, विशेष रूप से भाजपा-विरोधी मित्रों के साथ हुई अनेकानेक चर्चाओं में जिस तरह के परिणाम आने का संकेत किया था, लगभग वैसे ही परिणाम आये थे.

बावजूद इसके हम लगातार कहते हैं कि चुनाव परिणाम उस स्थिति पर निर्भर नहीं करते जैसी कि मतदान के दिन दिख रही होती है. राजनीति में दिखने और होने में बहुत बड़ा अंतर होता है और कहने को एक महीन सी रेखा भी होती है. इस अंतर को अथवा महीन रेखा को समझने के लिए संकुचित दिमाग नहीं बल्कि विश्लेषक बुद्धि की आवश्यकता होती है.

वर्तमान लोकसभा चुनाव में भाजपा-विरोधी लोग जिस तरह से लिख रहे हैं वो उनकी हताशा को दर्शाता है. जब खुद में विश्वास होता है तो बात द्विअर्थी नहीं कही जाती है. यदि आपकी गणित अच्छी है, विश्लेषण की क्षमता उत्तम है, आकलन बेहतर कर लेते हैं तो खुलकर लिखिए-कहिये.

इस चुनाव का अंतिम परिणाम क्या होने वाला है ये तो अंतिम परिणाम आने पर ही निर्धारित होगा किन्तु भाजपा-विरोधियों को असलियत का एहसास अभी से हो गया है.

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें