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14 मार्च 2022

बनना होगा बुजुर्गों का साथी

आये दिन हम सबको बुजुर्गों से सम्बंधित नकारात्मक ख़बरें पढ़ने-देखने को मिलती हैं. इस तरह की खबरें जिसमें कोई बुजुर्ग सड़क किनारे रहने को मजबूर है, कोई परिवार के होते हुए भी वृद्धाश्रम में रहने को बेबस है, निश्चित तौर पर उस परिवार के लिए और समाज के लिए कलंक ही हैं. ऐसी खबरों के पढ़ने के बाद समझ नहीं आता है कि हम सबने समाज को किस दिशा में ले जाने का काम किया है? क्या हम समाज में सिर्फ धन उगाने की मशीन बनकर रह गए हैं? क्या हम सबके लिए संस्कार, संस्कृति, सभ्यता आदि की बातें महज किताबी, मंचीय रह गई हैं? परिवार जिस तरह से संयुक्त से एकल में परिवर्तित हुए और उसके बाद उनका स्वरूप नाभिकीय में बदल गया है, वहाँ बुजुर्गों के लिए ‘स्पेस दिखता नहीं है.




देखा जाये तो हम सभी ने पश्चिमी सभ्यता के सुर-लय को पकड़ने की कोशिशों में पहनावारहन-सहनशालीनतासंस्कृतिभाषारिश्तोंमर्यादा आदि तक को दरकिनार करने से परहेज नहीं किया है. अनेकानेक दिवस के मस्ती भरे आयोजनों के बीच पश्चिम से आये संस्कारों ने हम सभी को संस्कार-विहीन कर दिया है. इन विदेशी संस्कारों की चकाचौंध में हमारे परिवारों की दिव्यता कहीं गायब ही हो गई है. युवाओं की जोशपूर्ण मस्ती के बीच परिवार केसमाज के बुजुर्गों की हस्ती सिमटने सी लगी है. निर्द्वन्द्वस्वच्छंद भटकते झुण्ड के बीच बुजुर्ग एकाकीपन में पिसता सा लगता है. पश्चिमी सभ्यता, संस्कारों को अपनाने के बाद भी हमें अपने मूल को नहीं भूलना चाहिए. बुजुर्गों की अहमियत को विस्मृत नहीं करना चाहिए. ऐसे में किसी भी परिवार के युवाओं का दायित्व बनता है कि वे अपने अति-व्यस्ततम समय में से कुछ समय निकाल कर अपने परिजनों को भी दें. आज के वैश्वीकरण के दौर में, भौतिकतावादी दृष्टिकोण से सजी दुनिया में जबकि लोगों के पास काम का कोई निश्चित समय नहीं रह गया है, दिनचर्या अस्त-व्यस्त सी हो गई है, लोगों के पास खुद के लिए समय निकालना दुष्कर होता जा रहा है, वहाँ बुजुर्गों के लिए समय निकालने की बात सोचना भी कई बार हास्यास्पद लगता है.


इस संसार में किसी भी व्यक्ति के लिए अकेलापन सबसे बड़ा दुश्मन है. अकेलापन किसी उम्र विशेष के लिए दुश्मन नहीं है वरन हर उम्र के लिए दुश्मन है. यह दुश्मन बुजुर्गों के बीच बहुत तेजी से अपनी पैठ बनाता जा रहा है. अब बुजुर्गों के साथ बातचीत करने वाले युवा नहीं हैं, बच्चे नहीं हैं. एक समय हुआ करता था जबकि अपने जीवन का बहुत बड़ा समय अपने बाबा-दादी, नाना-नानी के साथ बिताया जाता था. इससे बुजुर्गों के जीवन का यह भाग हँसते-गाते कब बीत जाता था, किसी को पता ही नहीं चलता था. आज आलम ये है कि परिवार के बुजुर्ग कहीं दूर अकेले पड़े हुए हैं और उनके परिजन अपनी ही दुनिया में मगन हैं. ऐसी स्थितियों के कारण जहाँ बुजुर्गों को अकेलापन महसूस हो रहा है वहीं बच्चों को, युवाओं को इन बुजुर्गों से सीख नहीं मिल रही है. हमारे परिवार के ये बुजुर्ग अपने आपमें एक पाठशाला, एक विश्वविद्यालय हुआ करते हैं. इनसे न केवल सैद्धांतिक ज्ञान मिलता है वरन व्यावहारिक ज्ञान भी मिलता है. आज जबकि हम सभी भौतिकतावादी समाज में रहने के आदी होते जा रहे हैं, हम सभी को अपने बुजुर्गों के अकेलेपन को दूर करने का प्रयास करना चाहिए. हमारा एक पल यदि उनको असाधारण ख़ुशी देता है तो हमें इसके लिए अपने कई-कई पलों को न्योछावर कर देना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि हमें याद रखना होगा कि हमारे भविष्य की इमारत इन्हीं के अतीत की नींव पर निर्मित है.


आज एहसास और विश्वास की मर्यादा-पावनता को अपने परिवार के बुजुर्गों के बीच बाँटने की आवश्यकता है. आधुनिकता के दौर में चाहे कुछ कितना भी बदल गया हो पर हमें विश्वास को नहीं बदलने देना हैएहसास को नहीं बदलने देना हैरिश्तों को नहीं बदलने देना हैमर्यादा को नहीं बदलने देना हैसंस्कृति को नहीं बदलने देना है. दोस्ती के नाम पर मस्ती में चूर आज की पीढ़ी को इसका आभास कराये जाने की जरूरत है कि बुजुर्ग उनके लिए बोझ नहींउनकी रफ़्तार में अवरोध नहींउनकी मस्ती की बोरियत नहीं हैं. अपनी संस्कृति-सभ्यता से विरत हो रहेपरिवार को बंधन समझ रहेज़िम्मेवारियों से मुक्ति चाह रहे युवा वर्ग को समझाना ही होगा कि बुजुर्ग हमारा एहसास हैंहमारा विश्वास हैंहमारी संस्कृति हैंहमारा परिवार हैंहमारा अस्तित्व हैं. आइये कम से कम दोस्ती के नाम का एक दिन तो इनके नाम कर ही देंबाकी दिन तो अपने हमउम्र दोस्तों के साथ मौज-मस्तीसैर-सपाटागलबहियाँ करते हुए बिताना ही है.


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3 टिप्‍पणियां:

  1. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (१८ -०३ -२०२२ ) को
    'होली के प्रिय पर्व पर करते सब अभिमान'(चर्चा अंक-४३७२)
    पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    सादर

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  2. उत्तम विचार... होली की हार्दिक शुभकामनाएं

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  3. बहुत ही सुन्दर सन्देश , होली की ढेर सारी हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई आप सब को। राधे राधे।

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