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05 नवंबर 2021

फाउंटेन पेन के प्रति प्रेम आज भी है : फाउंटेन पेन दिवस विशेष

मानवीय सभ्यता के विकास में बहुत सारे उपकरणों का आविष्कार हुआ. इन उपकरणों ने मानव जीवन को बहुत प्रभावित किया है. ऐसे ही अनेक उपकरणों में एक उपकरण पेन है. किसी समय में इशारों के द्वारा आपसी वार्तालाप किया जाता था. कालांतर में जब इशारों के द्वारा, कतिपय रेखाचित्रों के द्वारा, निशानों के द्वारा, चिन्हों के द्वारा वार्तालाप में अवरोध सा उत्पन्न होने लगा या कहें कि बहुत सी बातों को सामने वालों तक पहुँचाना संभव नहीं हो सका तो फिर भाषा का विकास हुआ. इस भाषा के साथ-साथ लिपि की आवश्यकता भी हुई. भाषा, लिपि के विकास के साथ-साथ उसको आम जनमानस तक लिखित रूप में पहुँचाने के लिए उपकरण की आवश्यकता महसूस हुई. इसी आवश्यकता ने कलम का आविष्कार किया.


लेखन के लिए उपयोग किए जाने वाले इस उपकरण ने अपने पूरे इतिहास में बहुत सारे बदलावों को देखा है. किसी समय में पत्थरों, पेड़ों की लकड़ियों, पक्षियों के पंखों आदि के द्वारा कलम को बनाकर लेखन कार्य किया गया. स्याही के लिए विभिन्न प्रकार के पौधों के पदार्थ, जानवरों आदि के अर्क का उपयोग किया गया. स्याही बन जाने के बाद को कलम के रूप में मिला उपकरण एक तरह का डिप पेन था अर्थात इसको स्याही में डुबो-डुबो कर लिखा जाता था. यह स्थिति लम्बे समय तक बनी रही. आविष्कारों के प्रति सजग मानव ने अंततः लेखन के लिए एक नया उपकरण खोज लिया, जिसे बार-बार स्याही में डुबोने की आवश्यकता नहीं पड़ती थी. इसी को वह पेन या कहें कि फाउंटेन पेन कह सकते हैं, जिसका परिष्कृत रूप आज हम सबको देखने को मिल रहा है.




ऐसा ऐतिहासिक स्वरूप से देखने को मिलता है कि सन 1636 में फाउंटेन पेन अस्तित्व में आया. फाउंटेन पेन को रोमानिया के पेट्राचे पोएनारू द्वारा डिजाइन किया गया था. जिसमें धातु की निब के साथ स्याही भरने के लिए एक टंकी लगी हुई थी. इसके आविष्कार से कई सुविधाएँ प्राप्त हुईं. न तो बार-बार कलम छीलने की आवश्यकता हुई और न बार-बार निब को स्याही में डुबोने की समस्या का सामना करना पड़ा. इस तरह के आविष्कार के आने से लेखन की दुनिया हमेशा के लिए बदल गई. ऐसा माना जाता है कि फाउंटेन पेन का सबसे पहला रूप प्राचीन मिस्रवासियों द्वारा 3,000 ईसा पूर्व में इस्तेमाल किया गया था. इन्हें स्टाइलस कहा जाता था. स्याही में डुबोए जाने के कारण इन्हें डिप पेन कहा गया.कालांतर में 17वीं और 18वीं शताब्दी के दौरान धातु वाले निब वाले लेखन कलमों के उपयोग का उल्लेख मिलता है.

 

फाउंटेन पेन के लगातार उपयोग में बने रहने के कारण सन 2012 से फाउंटेन पेन डे को मनाना शुरू किया. नवम्बर माह के पहले शुक्रवार को इसके लिए निर्धारित किया गया है. इस दिन को मनाने का उद्देश्य दिन-प्रतिदिन के जीवन में फाउंटेन पेन के उपयोग को बढ़ावा देना, उसके उपयोग के प्रति लोगों को प्रोत्साहित करना, लिखावट को सुन्दर बनाना रहा है. आज जबकि आधुनिक समय में लेखन के लिए वरीयता में, प्राथमिकता में फाउंटेन पेन नहीं है फिर भी बहुतायत में फाउंटेन पेन का उपयोग महत्वपूर्ण आधिकारिक कार्यों के लिए किया जाता है. इसके साथ-साथ बहुत से पेन संग्रह प्रेमी आज भी बाज़ार में, दुकानों में फाउंटेन पेन को तलाशते घूमते-भटकते देखे जाते हैं.


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