इंडोनेशिया के पूर्व राष्ट्रपति सुकर्णो की बेटी सुकमावती सुकर्णोपुत्री एक बड़े घटनाक्रम में इस्लाम धर्म छोड़कर हिन्दू धर्म अपनाने जा रही हैं. बताया जा रहा है कि आज यानि मंगलवार, 26 अक्तूबर 2021 को सुकमावती हिंदू धर्म अपनाएंगी. इसके लिए बाली में सुकर्णो सेंटर हेरिटेज एरिया में एक पारंपरिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. बाली में हिंदू धर्म से जुड़े कई मंदिर हैं और दुनियाभर से लोग इसे देखने आते हैं. इंडोनेशिया के बाली द्वीप पर बड़ी संख्या में हिन्दू भी रहते हैं. यहाँ कई मंदिर बने हैं और रामायण का मंचन होता है. सुकमावती सुकर्णोपुत्री सुकर्णो की तीसरी बेटी हैं और पूर्व राष्ट्रपति मेगावती सुकर्णोपुत्री की छोटी बहन हैं. वह इंडोनेशियाई नेशनल पार्टी की संस्थापक रह चुकी हैं.
सीएनएन
इंडोनेशिया की रिपोर्ट के मुताबिक सुकमावती के हिन्दू धर्म ग्रहण
करने के पीछे उनकी दादी इदा अयू नयोमान राई श्रीमबेन काफी हद
तक वजह बनी हैं. मीडिया को सुकर्णोपुत्री के फैसले के बारे में बताते हुए उनके
वकील ने कहा कि सुकर्णोपुत्री को हिन्दू धर्म का काफी ज्ञान है. वह हिंदू
धर्मशास्त्र के सभी सिद्धांतों और अनुष्ठानों से भी अवगत हैं. सुकमावती अभी 70
साल की हैं और सुकर्णो की तीसरी
बेटी हैं।
उनके हिन्दू
धर्म ग्रहण करने की चर्चा इसलिए भी और है क्योंकि इंडोनेशिया में इस्लाम सबसे
बड़ा धर्म है. यही नहीं दक्षिणपूर्वी एशियाई देश में दुनिया की सबसे ज्यादा
मुस्लिम आबादी रहती है. सुकर्णोपुत्री बाली की यात्रा के दौरान अकसर हिंदू धार्मिक
समारोहों में शामिल होती रही हैं. वह हिंदू धार्मिक हस्तियों से भी बातचीत करती
हैं. अब शुद्धि वदानी नाम के कार्यक्रम में वह अपना धर्म परिवर्तन करेंगी.
उनके रिश्तेदारों को भी इस फैसले से कोई आपत्ति नहीं है. रिश्तेदारों का कहना है
कि सुकर्णोपुत्री काफी समय से हिंदू धर्म अपनाना चाह रही थीं.
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