कहते हैं कि हरेक चित्र के पीछे कोई न कोई कहानी
छिपी रहती है. ऐसा सच भी लगता है क्योंकि फोटो खींचते समय कोई न कोई विचार, कोई न कोई विषय, कोई न कोई मामला उस चित्र के साथ
जुड़ा हुआ होता है. अक्सर लोग चित्र खींचने के बाद उससे जुड़ी हुई कहानी को विस्मृत
कर देते हैं. ऐसा बहुत बार हमारे साथ भी होता है. यह कोई अनोखी अथवा अचंभित करने
वाली प्रक्रिया नहीं है. इसके पीछे ऐसा होने के कारण फोटो का बहुत ज्यादा खींचा
जाना है.
आज हर हाथ में स्मार्ट फोन होने के कारण और उनमें
एक से एक बढ़कर, बहुत ज्यादा मेगापिक्सल वाले कैमरा होने के कारण भी फोटो का खींचा
जाना आम बात हो गई है. ऐसे में बहुत बार सबको फोटो खींचते देखकर भी फोटो खींचने का
मन होने लगता है. ऐसी स्थिति में ध्यान ही नहीं रहता है कि सम्बंधित फोटो के साथ
कौन सी विशेष बात अथवा घटना जुड़ी हुई थी.
बहरहाल, इधर लॉकडाउन की
फुर्सत के कारण दोनों बेटियों ने हमारे पेन, फाउंटेन पेन के
खजाने को खूब निहारा, खंगाला. उसी में उनको फाउंटेन पेन
दिखाए भी और उनके लिखने के लाभ भी बताये. फाउंटेन पेन से जुड़े अपने अनुभव भी उनको
सुनाये. ऐसे में वे दोनों भी फाउंटेन पेन से लिखने का मन बना कर हैण्डराइटिंग में
जुट गईं. दोनों ने फाउंटेन पेन से हिन्दी और अंग्रेजी में एक-एक पेज लिख कर
दिखाया. दोनों की राइटिंग अच्छी लगी तो सोचा कि इससे जुड़ी यह बात लिखते हुए उसे आप
सबके बीच भी लगा दिया जाये.
देखिये और आकलन कीजियेगा.
|
तीनों बेटियाँ |
|
छोटी बेटी का हिन्दी लेखन |
|
छोटी बेटी का अंग्रेजी लेखन |
|
बड़ी बेटी का हिन्दी लेखन |
|
बड़ी बेटी का अंग्रेजी लेखन |
बहुत प्यारी बेटियाँ। और लिखावट भी बहुत सुंदर..!
जवाब देंहटाएंCursive writing तो कमाल..!
छोटी बेटी का रुझान आर्ट की तरफ ज़्यादा है। जो भी कार्य करती है, पूरे मनोयोग से करती है,अपना शत प्रतिशत देती है।
बेटियों की लिखावट मोतियों जैसी है, बहुत सुन्दर। फ़ाउंटेन पेन से लिखने और अभ्यास करते रहने से हमेशा के लिए लिखावट सुन्दर रहती है। बेटियों को बहुत शुभकामनाएँ और आशीष!
जवाब देंहटाएंआपकी बेटियां बहुत ही प्यारी है और वो बहुत ही खुशकिस्मत है की आप उनके पिता हैं
जवाब देंहटाएं