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05 मई 2020

भुगतोगे यदि न सँभलोगे

देखिए, लॉकडाउन तो कभी न कभी हटाना ही होगा सरकार को। आखिर कोई सरकार कितने दिन ऐसी व्यवस्था बनाये रख सकती है? वैज्ञानिक नियम है कि वायरस मरेगा नहीं, सुसुप्त हो जायेगा. कभी न कभी अपने सापेक्ष वातावरण पाते ही सक्रिय हो जायेगा. ऐसे में आखिर कितने दिन लॉकडाउन? लॉकडाउन कोई विकल्प नहीं कोरोना संक्रमण से बचने का. शराब की दुकानों के खोले जाने पर सरकारों को एकदम से कटघरे में खड़ा कर दिया गया. वे लोग भी इसमें सुर मिलाने में लगे हैं जो कहीं न कहीं से शराब की जुगाड़ करने में लगे थे. शराब की दुकान तो बहाना है सरकार पर हमला करने का. ऐसा इसलिए क्योंकि हमारा मानना ये है कि शराब की दुकानों जैसी स्थिति बाजार में तब भी होगी, जब ये लॉकडाउन पूरी तरह खुलेगा. इसके बाद भी उस समय ये कोई नहीं कह सकेगा कि कोरोना का संक्रमण अब नहीं होगा.



जवाब खुद को देना है. सरकार तुम्हारे घर आई थी? सरकार ने तुमसे निवेदन किया था? सरकार ने कहा था कि लोगों के सिर पर चढ़ के खरीदो? सरकार ने कहा था कि चिपक के खड़े हो? सरकार ने ये कुछ भी न किया और सब लोग मरभुक्खों की तरह टूट पड़े. ऐसा लगा जैसे अमृत मिलने लगा हो. लोग बिना किसी बात की परवाह किये एकदम से दुकानों पर टूट पड़े. इसके उलट सरकार पिछले तीस-चालीस दिन से बराबर चिल्ला रही कि घर पर रहो. प्रधानमंत्री हाथ जोड़कर कह रहा घर पर रहो. प्रशासन बराबर सख्ती-नरमी से कह रहा घर पर रहो. इसकी सुनवाई ईमानदारी से न की जा सकी. लोग शराब की दुकानों के खुलने के पहले भी बाजार की सैर करने में लगे थे. आये दिन चालान करने की, प्रशासन द्वारा सजा देने की खबरें, वीडियो सोशल मीडिया पर आ रहे हैं. सोचो, सोचो दोषी कौन है? जो सरकार ने न कहा, वह तुमने लपक के किया और जिसे करने को चिल्ला-चोट मची उस पर तुम न चेते.

लॉकडाउन असल में सरकार की तरफ से टीचिंग है, कोरोना संक्रमण से बचने के सम्बन्ध में, जिसे सरकार ने अच्छे से पढ़ा-सिखा दिया. उसने अपील से, सख्ती से, नरमी से, गा-बजा के, कलाकारों के माध्यम से सबको बता दिया कि क्या करना है, क्या नहीं. बता दिया कि क्या करोगे तो संक्रमण का खतरा है. अब जब भी लॉकडाउन खुलेगा या ऐसी कोई छूट मिलेगी तो वह नागरिकों की परीक्षा होगी. कौन पास होगा, कौन फेल ये नागरिकों पर निर्भर करेगा. आप खुद तय करो कि फेल होना है या पास? बाकी इस परीक्षा के अंक देखने हों तो विश्व समुदाय के आँकड़े रोज ही सामने आ रहे हैं.

भुगतोगे यदि न सँभलोगे.


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#हिन्दी_ब्लॉगिंग

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