आज है 9 सितम्बर। जी हाँ, कुछ याद आया; नहीं आज कोई छुट्टी तो नहीं है। छुट्टी तो कल है ईद की फिर आज क्या विशेष तिथि है? देश के वर्तमान की चिन्ता व्यक्त करते बुद्धिजीवी और किसी भी तरह से अपने भविष्य का आर्थिक ढाँचा मजबूत बनाने को लगे लोगों के बीच से इस तरह की तिथियों का विलोपन होता जा रहा है।
देश के स्वर्णिम इतिहास के बीच यह तारीख भी अपना विशेष महत्व रखती है। आज के दिन ही सन् 1965 में देश के वीर सपूत अब्दुल हमीद ने पाकिस्तान के टैंकों को ध्वस्त करते हुए भारतीय सेना को विजयश्री प्रदान करवाई थी।
बचपन में हमारे पूर्वज नामक पुस्तक में पढ़ा था कि पाकिस्तानी सेना की ओर से प्रयोग किये जा रहे पैटन टैंकों को अविजित समझा जाता था। पाकिस्तानी सेना भी इन्हीं टैंकों की बदौलत अमृतसर के पास के गाँव में घुसी चली आ रही थी। अमृतसर के खेमकरण गाँव पर पाकिस्तानी सेना के कब्जे के बाद वह असाल उत्तर की ओर बढ़ती चली जा रही थी।
इस हमले के बाद पाकिस्तानी सेना का बढ़ना जारी रहा और इसी के बीच सेना के हवलदार अब्दुल हमीद ने अपनी जीप पर लगी रिकायलैस गन से टैंकों पर हमला बोल दिया। एक के बाद एक वे अपनी गन से हमला करके अविजित समझे जाने वाले टैंकों को ध्वस्त करते रहे। शहीद होने के वक्त तक उन्होंने कई टैंकों को निशाना बना डाला। दस्तावेजों की जानकारी के मुताबिक अन्त में पाकिस्तानी सेना अपने 97 टैंकों को छोड़ दुम दबाकर भाग गई।
इसी हमले में विजय के बाद सेना ने असाल उत्तर का नाम बदल कर ‘असली उत्तर’ कर दिया था। आज की तारीख इसी कारण से महत्वपूर्ण समझी जाती है कि एक सैनिक ने अपनी गन के सहारे से टैंकों को ध्वस्त करके पाकिस्तानी सेना को पीछे लौटने पर मजबूर कर दिया था।
सूत्रों के मुताबिक एक दिलचस्प तथ्य और इस हमले से जुड़ा है और वह यह कि पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और सेना प्रमुख परवेज मुशर्रफ भी इस युद्ध में भाग ले रहे थे।
हम भारतीयों को कम से कम अपने वीरों का, उनसे जुड़ी घटनाओं का कुछ तो स्मरण होना ही चाहिए।
ab aise din kon yaad rakhta hai sir ji.
जवाब देंहटाएंदेश के लिए कुर्बान होने वाले नहीं अब देश को लूटने वाले याद रखे जाते हैं.
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी प्रस्तुति। शहीदों को नमन।
जवाब देंहटाएंआंच पर संबंध विस्तर हो गए हैं, “मनोज” पर, अरुण राय की कविता “गीली चीनी” की समीक्षा,...!
अमर शहीद हवलदार अब्दुल हमीद को हमारा शत शत नमन !
जवाब देंहटाएंप्रणाम शहीदां नू.
जवाब देंहटाएंये बहुत अच्छी बात है कि कम से कम आपने तो याद दिला दिया वर्ना.........
जवाब देंहटाएंशत शत नमन
जवाब देंहटाएंकम से कम आपने याद तो दिला दिया ,
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी बात है,
देश के लिए कुर्बान होने वाले
अमर शहीद हवलदार अब्दुल हमीद को
हमारा शत शत नमन ...........
नमन है शहीदों को
जवाब देंहटाएंउस वीर सपूत को नमन..
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