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27 अगस्त 2010

आतंकवाद के नाम पर भी तुष्टिकरण की नीति चालू है




भगवाधारियों से सावधान! देश के सर्वोच्च पदधारी मंत्री जी सावधान कर रहे हैं तो सावधान तो होना ही पड़ेगा। एक बार पहले भी चेताया गया था और कोई नहीं माना तो बम धमाके हो गये। देश में किस तरह की स्थिति बनती जा रही है इस पर कोई विचार नहीं किया जा रहा है बस किसी तरह से मुस्लिम तुष्टिकरण होता रहे।

(चित्र गूगल छवियों से साभार)


याद हो तो कुछ समय पूर्व देश में आतंकवाद में मुसलमानों के लिप्त पाये जाने पर एक बयान आया था कि यदि अयोध्या में बाबरी मस्जिद को नहीं गिराया जाता तो देश में इस्लामिक आतंकवाद नहीं आता। देखा जाये तो यही वह बयान था जिसने आतंकवाद को हिन्दु मुस्लिम बनाया था। ठीक इसी तरह का बयान अब आया है जबकि भगवा आतंकवाद से बचने की सलाह दी गई है।

इसी परिप्रेक्ष्य में यह भी याद रखना होगा कि देश में नक्सलवाद के बाद से कई राज्यों में लाल झंडे वाली पार्टी को भी प्रतिबन्धित कर दिया गया है। बहरहाल, मंत्री जी जरा अपने दिमाग पर जोर डालें और बतायें कि कभी उनकी ओर से अथवा किसी और मंत्री की ओर से इस तरह के बयान आये हैं जबकि उन्होंने इस्लामिक आतंकवाद से बचने की सलाह देशवासियों को दी हो।

भगवाधारी देश के युवाओं को भ्रमित कर रहे हैं तो बताया जाये कि सिमी जैसे संगठन कौन सी शिक्षा दे रहे हैं। इसके अलावा यदि देश को सही दिशा में ले जाने के नाम पर हमारे मंत्री जी युवाओं को कुछ सकारात्मक दे पायें तो उनका स्वागत है।

देश के सत्ताधारियों को, नीति नियंताओं को तो इस तरह के संगठनों का कायल होना चाहिए जो देश के नाकारा साबित हो चुके युवा वर्ग को अपनी ओर आकर्षित कर लेते हैं। इन संगठनों के आकर्षण में बँधकर ये युवा हिंसा, हत्या, बम धमाके करके अपनी मौत को भी बुला लेते हैं। क्या हमारे नेता, राजनीति में पारंगत कहे जाने वाले स्वयंभू तत्व, स्वयं को पुरोधा बताने वाले, देश को दिशा देने का स्वांग रचने वाले युवाओं के एक छोटे से हिस्से को भी अपनी ओर आकर्षित कर पाये हैं?

कहने का तात्पर्य यह नहीं कि इन संगठनों का सहयोग किया जाये किन्तु यह भी हो कि एक वर्ग विशेष के लिए किसी दूसरे को बदनाम करके ही रख दिया जाये।

तथ्य कभी झूठ नहीं बोलते, जो भी देशहित की बात करता होगा वह याद जरूर रखे होगा कि देश के इसी बहुत बड़े वर्ग के हो-हल्ले के बाद से पिछली जनगणना के आँकड़ों को सरकार ने दोबारा जारी किया था। पिछले वर्षों में न्यायालय द्वारा उत्तर प्रदेश में मुसलमानों को संख्या के आधार पर अल्पसंख्यक मानने से मना करने पर भी सभी ओर से शोर-शराबा होने लगा था। और भी बहुत कुछ है जो दर्शाता है कि तुष्टिकरण बहुत ही बुरी तरह से जारी है।

मंत्री जी याद रखिये कि कोई बुरा नहीं होता उसे बुरा बनाते हैं हालात। यदि यह बात इस्लामिक आतंकवाद के संदर्भ में मात्र इस कारण से सही है कि अयोध्या में बाबरी मस्जिद गिरा दी गई तो इसको भगवा आतंकवाद (जैसा कि प्रचारित किया जा रहा है) के संदर्भ में भी याद रखनी होगी।


3 टिप्‍पणियां:


  1. उम्दा पोस्ट-सार्थक लेखन के लिए आभार

    प्रिय तेरी याद आई
    ब्लॉग4वार्ता पर आपका स्वागत है


    जय बुंदेलखंड
    जय छत्तीसगढ
    जय हिंद

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  2. मेरी नजर में तो आतंकवाद से ज्यादा बड़ा खतरा इस देश को तुष्टिकरण से है |

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  3. इस ओर ध्यान खिचनें के लिए आभार, बड़ा मुद्दा है ।

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