tag:blogger.com,1999:blog-2270816749749638604.post5626958495213121701..comments2024-03-18T14:44:16.872+05:30Comments on रायटोक्रेट कुमारेन्द्र: हाँ, मैं दुआ करता हूँ कि मेरी माँ मर जायेDr. Kumarendra Singh Sengarhttp://www.blogger.com/profile/13394109654270394091noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-2270816749749638604.post-41901303375345274722009-06-24T17:18:50.716+05:302009-06-24T17:18:50.716+05:30कुमारेन्द्र जी..जब शीर्षक पढ़ा तभी समझ गया था की ऐ...कुमारेन्द्र जी..जब शीर्षक पढ़ा तभी समझ गया था की ऐसा ही कुछ होगा..क्या कहा जाए इसके सिवा की ..आज और अब कुछ भी असंभव जैसा नहीं लगता..मैं इस बात में नहीं पढ़ना चाहता की कौन गलत है कौन सही..और रही बात किसी रास्ते की तो ये तो हमारी उन महिला ब्लोग्गेर्स से पूछनी चाहिए..वे ही बताएं की अब किस महिला को दोषी कहा जाए..माँ को या पत्नी को ...या की फिर से उस पुरुष को जिसकी मनोदशा बिलकुल पागल जैसी होगी...अजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2270816749749638604.post-16126092002629409262009-06-24T16:20:17.833+05:302009-06-24T16:20:17.833+05:30ये एक क्लासिक या यूँ कहें कि बहुत आम समस्या है. इस...ये एक क्लासिक या यूँ कहें कि बहुत आम समस्या है. इसका सिर्फ किसी खास परिवार से वास्ता हो, ऐसा नहीं है.<br />इसके बहुत से समाधानों में से एक बड़ा ही कारगर समाधान होगा रिश्तों की खास समझ का विकास. रिश्तों के प्रति दृष्टिकोण में आमूल-चूल पर्तिवर्तन. और न केवल ये परिवर्तन बल्कि इसका सतत अभ्यास भी. <br /><br />बहुत से ऐसे समाधान प्रस्तोताओं में से एक अपनी दिल्ली में भी उपलब्ध हैं. अगर रिश्तों में आग की लपट से झुलस ज्यादा हो तो जल्दी ही विसित करें और जा कर इसके कोर्सेस अटेंड करें -<br />HTTP:\\WWW.LANDMARKEDUCATION.COMRahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/13432896447759387360noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2270816749749638604.post-64067347734644674262009-06-24T16:07:58.182+05:302009-06-24T16:07:58.182+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/13432896447759387360noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2270816749749638604.post-19011279520874455292009-06-24T16:03:40.227+05:302009-06-24T16:03:40.227+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/13432896447759387360noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2270816749749638604.post-69419644635344463172009-06-24T12:19:29.201+05:302009-06-24T12:19:29.201+05:30अन्त में मृत्यु ही सारी बीमारियों का समाधान होती...अन्त में मृत्यु ही सारी बीमारियों का समाधान होती है लेकिन जननी की मृत्यु समाधान नहीं है। क्या हम पत्नी की मृत्यु की कल्पना कर सकते हैं? जब पुरुष कमजोर होता है वहीं ये समस्याएं उत्पन्न होती हैं।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2270816749749638604.post-34323573182993744062009-06-24T07:14:21.361+05:302009-06-24T07:14:21.361+05:30डॉ० कुमारेन्द्र सिंह सेंगर जी।
आपकी पत्नी भी किसी ...डॉ० कुमारेन्द्र सिंह सेंगर जी।<br />आपकी पत्नी भी किसी की माँ हैं और<br />आप भी किसी के पिता हैं।<br />समझदार को..........।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2270816749749638604.post-20049336455364480382009-06-24T01:05:52.926+05:302009-06-24T01:05:52.926+05:30क्या कहें.........................।क्या कहें.........................।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2270816749749638604.post-74474906342368729152009-06-24T00:14:45.726+05:302009-06-24T00:14:45.726+05:30ये क्या डाक्टर साब मरीजो से ईलाज पूछा जा रहा है?ये क्या डाक्टर साब मरीजो से ईलाज पूछा जा रहा है?Anil Pusadkarhttps://www.blogger.com/profile/02001201296763365195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2270816749749638604.post-87393927089558745862009-06-24T00:10:13.361+05:302009-06-24T00:10:13.361+05:30सचमुच जिसपर जो बीतती है .. वही समझ सकता है .. दूसर...सचमुच जिसपर जो बीतती है .. वही समझ सकता है .. दूसरे क्या जवाब दे सकते हैं ?संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2270816749749638604.post-20985145148433623452009-06-23T22:53:52.752+05:302009-06-23T22:53:52.752+05:30क्या कह सकतें है , जिस पर बीत रही है वही इसका सही ...क्या कह सकतें है , जिस पर बीत रही है वही इसका सही मायने में दर्द समझ सकता है | ऐसी दुखद परिस्थितियां मैंने भी कई लोगों के साथ देखि है !Gyan Darpanhttps://www.blogger.com/profile/01835516927366814316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2270816749749638604.post-40561435277956609462009-06-23T22:23:57.401+05:302009-06-23T22:23:57.401+05:30kuchh bhi kahne ko nahin bacha
vedna ka paravaar d...kuchh bhi kahne ko nahin bacha<br />vedna ka paravaar dikha diya aapne...<br />maarmik<br />atyant maarmik chitranAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/09116344520105703759noreply@blogger.com