tag:blogger.com,1999:blog-2270816749749638604.post2989875881461325979..comments2024-03-18T14:44:16.872+05:30Comments on रायटोक्रेट कुमारेन्द्र: संवेदनहीन होकर हम मौत को एन्जॉय करने लगे हैं Dr. Kumarendra Singh Sengarhttp://www.blogger.com/profile/13394109654270394091noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-2270816749749638604.post-77627023515930253342021-06-04T23:14:48.005+05:302021-06-04T23:14:48.005+05:30ऐसा नहीं कि सभी कि संवेदनाएँ मर चुकी हैं. परन्तु य...ऐसा नहीं कि सभी कि संवेदनाएँ मर चुकी हैं. परन्तु यह भी सही है कि मृत्यु की ख़बर दहशत फैलाती है. जिनका अपना कोई चला गया दुःख तो उनके लिए होता ही है परन्तु जिन्हें हम व्यक्तिगत रूप से जानते उनके लिए भी होता है. अगर पत्रकारिता की बात करें तो निःसंदेह वे सभी इस माहौल को और भी चटकारे के साथ परोसते हैं, जो दुखद है. कई बार गलत खबर भी प्रचारित हो जाता है. सही कहा आपने कि मौत को लोग एन्जॉय करने लगे हैं. अन्यथा मृत्यु की खबर इतनी बिकती नहीं.डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2270816749749638604.post-87575538370663341982021-06-03T22:18:09.669+05:302021-06-03T22:18:09.669+05:30बिलकुल सही लिखा है आपने। संवेदनाएं मर चुकी है क्यो...बिलकुल सही लिखा है आपने। संवेदनाएं मर चुकी है क्योंकि नीचता की हद जो पार हो चुकी है।शिवम कुमार पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/04835045259840214933noreply@blogger.com