tag:blogger.com,1999:blog-2270816749749638604.post415784626205449097..comments2024-03-18T14:44:16.872+05:30Comments on रायटोक्रेट कुमारेन्द्र: यहाँ सवाल मानसिकता का है....Dr. Kumarendra Singh Sengarhttp://www.blogger.com/profile/13394109654270394091noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-2270816749749638604.post-11597956787067085782009-04-12T11:38:00.000+05:302009-04-12T11:38:00.000+05:30हाँ यह मानसकिता ही है. अक्षय कुमार का सरेआम जींस क...हाँ यह मानसकिता ही है. अक्षय कुमार का सरेआम जींस के बटन खुलवाना और एक महिला का स्लीवलेस और मिनी स्कर्ट पहन कर बाजार जाना दोनों एक ही तराजू में नहीं रखे जा सकते. एक महिला एक पुरुष के बटन कुछ अन्तरंग क्षणों में ही खोलती है जिसका सार्वजानिक किया जाना उचित नहीं. उस जींस कंपनी का उद्देश्य भी यही था कि यदि आप यह जींस पहनते हैं तो महिलाएं इस खोलने से अपने आपको रोक नहीं पाएंगी. जबकि किसी महिला का स्लीव्लेश और मिनी स्कर्ट पहन कर घूमना यह नहीं कहता कि आओ मेरे साथ सम्भोग करो.<BR/><BR/>आगे पढें..<BR/><BR/>http://paricharcha.wordpress.com/2009/04/12/gender-equality-2-कौतुकhttp://paricharcha.wordpress.com/noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2270816749749638604.post-11576648472664800442009-04-12T10:41:00.000+05:302009-04-12T10:41:00.000+05:30"कपड़ों को अश्लील तरीके से पहना जाना उत्तेजित कर सक..."कपड़ों को अश्लील तरीके से पहना जाना उत्तेजित कर सकता है।"<BR/><BR/><BR/>ये बात पुरुषों पर भी लागू कारे क्युकी सेक्स और उतेजना स्त्री में भी होती हैं जब पुरुष नग्न होते हैं या आप ये मानते हैं की स्त्री मे सेक्स की जरुरत को दबाया जाना ही सही हैं <BR/><BR/>और फ़िक्र ना करे यही सब लिखे तालिबान सीमा तक आ गया हैं घर मे भी हां ही जायेगा तब आप सब की मन की इन बलवती इच्छाओ की पूर्ति होगी प्रकाश बादल जी और आप की बहु बेटियाँ कोदो से पीटेगी .Rachna Singhhttps://www.blogger.com/profile/15393385409836430390noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2270816749749638604.post-82443056905131732262009-04-12T10:36:00.000+05:302009-04-12T10:36:00.000+05:30जब तक घरो मे ये सोच रहेगी की बेटा जो चाहे कर सकता ...जब तक घरो मे ये सोच रहेगी की बेटा जो चाहे कर सकता हैं क्यकी वो बेटा यानी पुरुष हैं और बेटी स्त्री हैं इस लिये उसे दब कर धक् करना रहना होगा तब तक कपडे पहनो या ना पहनो उस से कोई फरक नहीं पडेगा . बलात्कार मे कपड़ो का कोई रोल ही नहीं हैं . विवाहित स्त्री का भी बलात्कार होता हैं उसके पति के हाथो . बलात्कार केवल और केवल सेक्स हैं स्त्री की इच्छा के विरुद्ध . और बलात्कार किसने किया इसको प्राथमिकता दे नाकि किसका हुआ और कैसे हुआ . यकीन मानिये सुधार आये गा .<BR/><BR/>नारी ब्लॉग पोस्ट का लिंक लगा दे लोगो को कर्म से दोनों पोस्ट पढने मे सुविधा होगी .Rachna Singhhttps://www.blogger.com/profile/15393385409836430390noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2270816749749638604.post-527838231015504722009-04-12T07:39:00.000+05:302009-04-12T07:39:00.000+05:30अगर मानसिकता ही गन्दी हो तो कपड़ो का क्या दोष . सब...अगर मानसिकता ही गन्दी हो तो कपड़ो का क्या दोष . सबसे ज्यादा बलात्कार ग्रामीण क्षेत्र मे होते है वहां तो छोटे कपडे कोई पहनता ही नहीं है . इन सब का कारण है विकृत मानसिकताdhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह }https://www.blogger.com/profile/06395171177281547201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2270816749749638604.post-60348549285936904972009-04-11T23:26:00.000+05:302009-04-11T23:26:00.000+05:30मैं द्विवेदी जी के मत से सहमत नहीं हूँ कपड़ों को अश...मैं द्विवेदी जी के मत से सहमत नहीं हूँ कपड़ों को अश्लील तरीके से पहना जाना उत्तेजित कर सकता है। लेकिन बलात्कार की बढ़ती वारदातों के कारण और भी कई हो सकते हैं जिनमें युवतियों का अश्लील कपड़े पहनना भी के मुख्य कारण हो सकता है।Prakash Badalhttps://www.blogger.com/profile/04530642353450506019noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2270816749749638604.post-67691237571019960352009-04-11T20:54:00.000+05:302009-04-11T20:54:00.000+05:30मुझे तो लगता है जब से दुनिया में कपड़े आए हैं अश्ल...मुझे तो लगता है जब से दुनिया में कपड़े आए हैं अश्लीलता और उत्तेजना बढ़ गई है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.com