18 जनवरी 2018

अग्नि-5 की सफलतम उड़ान

आज, 18 जनवरी 2018 को भारत ने परमाणु क्षमता से लैस अग्नि-5 मिसाइल का सफल परीक्षण किया. इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 (आईसीबीएम) का परीक्षण सुबह लगभग 10 बजे ओडिशा तट पर स्थित द्वीप से किया गया. इसे जिस आइलैंड से लॉन्च किया गया है उसका नाम है अब्दुल कलाम. इस मिसाइल के सफल परीक्षण के बाद माना जा रहा है कि इसकी जद में पूरा पाकिस्तान और चीन आएंगे. परमाणु क्षमता वाली अग्नि-5 मिसाइल 5000 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तक वार कर सकती है. इस मिसाइल के साथ ही भारत 5000 से 55000 किलोमीटर की दूरी तक वार करने वाले बैलिस्टिक मिसाइल संपन्न देशों के ग्रुप में शामिल हो गया है. अभी यह क्षमता अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और ब्रिटेन के पास ही है.


अग्नि-5 को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने विकसित किया है. अत्याधुनिक तकनीक से बनी 17 मीटर लंबी और दो मीटर चौड़ी मिसाइल परमाणु हथियारों से लैस होकर 1 टन पेलोड ले जाने में सक्षम है. 5 हजार किलोमीटर तक के दायरे में इस्तेमाल की जाने वाली इस मिसाइल में तीन चरणों का प्रोपल्शन सिस्टम लगाया गया है. इस मिसाइल की विशेषता यह है कि MIRV तकनीक से लैस है अर्थात इस तकनीक की मदद से इस मिसाइल से एक साथ कई जगहों पर वार किया जा सकता है, एक साथ कई जगहों पर गोले दागे जा सकते हैं, यहां तक कि अलग-अलग देशों के ठिकानों पर एक साथ हमले किए जा सकते हैं.

यह मिसाइल इस्तेमाल करने में बेहद आसान है. इसे रेल, सड़क या हवा कहीं भी इस्तेमाल किया जा सकता है. इसे किसी भी प्लेटफॉर्म से युद्ध के दौरान संचालित किया जा सकता है. अग्नि-5 मिसाइल की कामयाबी से भारतीय सेना की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी क्योंकि इसकी मारक क्षमता 5 हजार किलोमीटर तो है ही साथ ही ये परमाणु हथियारों को भी ले जाने में सक्षम है. सन 2002 में जब पहली बार इसका सफल परीक्षण किया गया था तब अग्नि-1 मिसाइल मध्यम रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल थी. इसकी मारक क्षमता 700 किलोमीटर थी और इससे 1000 किलो तक के परमाणु हथियार ढोए जा सकते थे. लगातार विकास-पथ पर अग्रसर रहते हुए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन यानी डीआरडीओ ने अग्नि-2, अग्नि-3 और अग्नि-4 के बाद अग्नि-5 का सफल परीक्षण कर भारतीय सैन्य क्षमता को और शक्तिशाली बना दिया है. 

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