01 जुलाई 2011

भ्रष्टाचार के समर्थन और विरोध का मुद्दा --- माइक्रो पोस्ट


क्या भ्रष्टाचार का विरोध करना देश द्रोह के समान है? ऐसा लग रहा है क्योंकि पहले भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बाबा का आन्दोलन कुचला गया अब अन्ना को सबक सिखाने की धमकी दी जा रही है.

चित्र गूगल छवियों से साभार

इसके मायने हैं कि केंद्र सरकार भ्रष्टाचार का समर्थन कर रही है या फिर बाबा-अन्ना आतंकवादी सरीखे हैं या फिर देश में भ्रष्टाचार जैसा कोई मुद्दा ही नहीं है और बाबा-अन्ना बेकार का ड्रामा कर रहे हैं.

सरकार जो कर रही है वो उसका कदम है पर सरकार की बातों के साथ हाँ में हाँ मिलाते लोगों को समझना चाहिए कि बाबा-अन्ना ने जो मुद्दा उठाया है क्या वो गलत है? यदि नहीं तो भले ही इन व्यक्तियों का न करें पर मुद्दे का समर्थन तो करें ही.


2 टिप्‍पणियां:

  1. मुद्दे का समर्थन तो सभी को करना चाहिये...

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  2. जिन लोगों ने सेकुलरता नाम के जिन का पूंछ पकड़ा हुआ है उनके भेजे में ये बात कदापि नहीं आती ,कांग्रेस चाहे जितना भ्रष्टाचार करलें वे वोट उसे ही देंगे ! भ्रष्टाचार अब इस देश की नियति बन चूका है |

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