04 अक्तूबर 2010

विज्ञापन के इस दौर में एक गारंटी तो हम लेते ही हैं बाक़ी का राम जाने


प्रचार-प्रसार के इस दौर में देखने में आ रहा है कि छोटे पर्दे पर बड़े पर्दे के प्रसिद्ध कलाकारों का लगातार आना और अपनी आने वाली फिल्म का प्रचार करना आम बात होता जा रहा है। विज्ञापन के इस दौर में जहां हर काम शो बिजनेस बनता जा रहा है वहां अपने काम के प्रचार-प्रसार के लिए विज्ञापन कम्पनियों के अलावा स्वयं भी उसका प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।

न...न आप लोग इस बात को लेकर परेशान न हों, आज की पोस्ट विज्ञापन अथवा कलाकारों के प्रचार-प्रसार को लेकर नहीं लिखी जा रही है वरन आज की इस पोस्ट का अर्थ ही कुछ दूसरा है। ये तो एक प्रकार की भूमिका है जो हम अपने काम को सही साबित करने जा रहे हैं। काम इतना सा है कि हम अपनीसाहित्यिक रचनाओं सम्बन्धी ब्लॉग का प्रचार करने निकले हैं।

इधर देखने को मिल रहा है और लगभग प्रत्येक ब्लॉगर इस बात से पीड़ित होगा कि उसे जबरन अपनी रचनाओं को पढ़वाने सम्बन्धी मेल आते होंगे। हम इस तरह के प्रचार से दूर रह कर अपने इस ब्लॉग के द्वारा अपने ब्लॉग का प्रचार कर रहे हैं। एक बार जरूर आयें और हमारी साहित्यिक रचनाशीलता का भी आकलन करें।

विज्ञापन के इस दौर में हम किसी और बात की गारंटी भले ही न ले पायें पर इस बात की गारंटी जरूर ले सकते हैं कि हम किसी को भी मेल के द्वारा प्रताड़ना नहीं देंगे। आप सीधे-सीधे हमारे ब्लॉग पर पधारें और हमारी साहित्यिक रचनाओं को पढ़कर उनकी समालोचना करें।

विशेष---जल्दी ही विज्ञापन बाजार की तरह यहां भी कोई स्कीम आपको लाभान्वित करेगी। स्कीम के लालच में ही जाओ और रचनाओं को पढ़ जाओ।

चित्र गूगल छवियों से साभार....इसका कोई विशेष प्रयोजन नहीं है...कृपया एक वर्ग विशेष इसे अन्यथा न ले। अपील जनहित में जारी, ब्लॉग हित में भी जारी

5 टिप्‍पणियां:

  1. aapki kavitaye bhi bahut achhi lagi, badhi.
    rakesh kumar

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  2. aapki kavitaye bhi bahut achhi lagi, badhi.
    rakesh kumar

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  3. aapki kavitaye bhi bahut achhi lagi, badhi.
    rakesh kumar

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  4. स्‍कीम में क्‍या होगा? आप यदि हमारे ब्‍लाग पर आए तो और आपने टिप्‍पणी की तो हम आपको ब्‍लाग पर तिगुनी टिप्‍पणी करेंगे। ऐसा ही कुछ या और कुछ?

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