04 जून 2010

एक रहिन ईर, एक रहिन बीर, एक रहिन राजा, एक रहिन हम....


एक रहिन ईर, एक रहिन बीर, एक रहिन राजा, एक रहिन हम,
एक रहिन ईर, एक रहिन बीर, एक रहिन राजा, एक रहिन हम।

ईर ने कहा चलो शिकार कर आबें,
बीर ने कहा चलो शिकार कर आबें,
राजा बोला चलो शिकार कर आबें,
हमऊँ बोले हाँ चलो शिकार कर आबें।

ईर ने मारी एक चिरैया,
बीर ने मारी दो चिरैयाँ,
राजा मारे तीन चिरैयाँ,
और हम???? हम मारे एक चुखरिया।
हा हा हा....हा हा हा.... हा हा हा...
अबे चुप......... का समझे हो, चुखरिया मारवो सरल है का?
एक रहिन ईर, एक रहिन बीर, एक रहिन राजा, एक रहिन हम।

समय बदला, ईर, बीर, राजा की कहानी भी बदली। एक दिन ईर, बीर, राजा ने कुछ अलग ही कहानी गढ़नी शुरू कर दी।

एक रहिन ईर, एक रहिन बीर, एक रहिन राजा, एक रहिन हम।
ईर कहें चलो ब्लॉग बनाया जाये,
बीर कहें चलो ब्लॉग बनाया जाये,
राजा बोले चलो ब्लॉग बनाया जाये,
हमउ कहा चलो ब्लॉग बनाया जाये।

ईर बनाय अपना ब्लॉग,
बीर ने बनाया अपना ब्लॉग,
राजा बनाये अपना ब्लॉग,
और हम???? हम तो अभै साइन इन करबे में लगे रहे।
हा हा हा..... हा हा हा...... हा हा हा....
अबे चुप..........दूसरे की मेल आई डी हैक कर साइन इन करबो आसान है का?
एक रहिन ईर, एक रहिन बीर, एक रहिन राजा, एक रहिन हम।

ईर कहें चलो कछु लिखो जाये,
बीर कहें चलो कछु लिखो जाये,
राजा बोले चलो कछु लिखो जाये,
हमउ कहा चलो कछु लिखो जाये।

ईर ने लिखी चौकस पोस्ट,
बीर ने लिखी चौकस पोस्ट,
राजाउ लिखें चौकस पोस्ट,
और हम???? हम लिखे खाली टाइटिल।
हा हा हा..... हा हा हा..... हा हा हा....
अबे चुप..........पूरी पोस्ट पढ़ता कौन है, सबईं टाइटिलई तो पढ़त हैं।
एक रहिन ईर, एक रहिन बीर, एक रहिन राजा, एक रहिन हम।

ईर कहें चलो टिप्पणी तो देख लेओ,
बीर कहें चलो टिप्पणी तो देख लेओ,
राजा कहें कि चलो टिप्पणी तो देख लेओ,
हमउ बोले चलो टिप्पणी तो देख लेओ।

ईर बटोरें खूबईं टिप्पणी,
बीर बटोरें खूबईं टिप्पणी,
राजाउ ने बटोरी खूबईं टिप्पणी,
और हम???? हमाई टिप्पणी खाली-छूँछी।
हा हा हा..... हा हा हा..... हा हा हा....
अबे चुप.......बिना टिप्पणी मिले भी बराबर लिखत रहबो सरल है का?
एक रहिन ईर, एक रहिन बीर, एक रहिन राजा, एक रहिन हम।


चित्र गूगल छवियों से साभार

22 टिप्‍पणियां:

  1. हमाई टिप्पणी खाली-छूँछी।

    हा हा!! मजेदार!!

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  2. सादर वन्दे !
    शुरू की पंक्तिओं ने दादी माँ की याद दिला दी , लेकिन कमाल तो तब हुआ जब आपने इस ब्लाग रूपी संसार के इर वीर राजा और हम की पोल खोली !
    रत्नेश त्रिपाठी

    जवाब देंहटाएं
  3. एक ईर बीर की कहानी नानी से सुनी थी ..एक आपसे सुनी ..आपकी ज्यादा मजेदार लगी :)

    जवाब देंहटाएं
  4. ईर कहे चलो चटका लगाबे जाय,
    बीर कहे चलो चटका लगाबे जाय,
    राजा कहे चलो चटका लगाबे जाय,
    हमहू कहे चलो चटका लगाबे जाय,

    ईर लगाए पसंद चटका ,
    बीर लगाए पसंद चटका ,
    राजा लगाए पसंद चटका ,
    हमहू लगाए नापसंद चटका ,
    ह़ा ह़ा ह़ा ह़ा...........ह़ा ह़ा ह़ा ह़ा
    अबे चुप ...........बिना नापसन्दी मिले ऊपर को चढ़ाबो!!!!!!!!!!! जरूरी है का ????

    माफ़ कीजिएगा थोड़ी कमी लगी सो पूरी करने की कोशीश की है

    जवाब देंहटाएं
  5. SIR JI AAJKAL KYA HO GAYA BADI KHAL UTAARENE ME LAGE HAIN?

    KAB TAK AISE UTARENGE..JYADA UTARENGE TO SAB NANGE HO JAYENGE.

    जवाब देंहटाएं
  6. SIR JI AAJKAL KYA HO GAYA BADI KHAL UTAARENE ME LAGE HAIN?

    KAB TAK AISE UTARENGE..JYADA UTARENGE TO SAB NANGE HO JAYENGE.

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  7. SIR JI AAJKAL KYA HO GAYA BADI KHAL UTAARENE ME LAGE HAIN?

    KAB TAK AISE UTARENGE..JYADA UTARENGE TO SAB NANGE HO JAYENGE.

    जवाब देंहटाएं
  8. अर्चना जी आपने कमी पूरी की आभार......पहले सोचा कि इसे अपनी पोस्ट के नीचे लगा दें पर कुछ सोचकर कि यदि और लोगों ने दूसरी कमी पूरी करनी शुरू कर दी तो ....
    वैसे कमी सही पकड़ी.....
    जय हिन्द, जय बुन्देलखण्ड

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  9. खाली क्यों ईर दीन एक, बीर दीन एक और हमहूं दीन एक टिप्पणी... मजेदार...

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  10. अच्छा लिखा है.......अपने हॉस्टल की याद आ गई....
    कभी होस्टल के समय का भी चित्रण करो.... मजेदार लिखते हो...
    आशीर्वाद

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  11. भाईजी, ये राजा कहाँ से आ गए...हम लोग तो कहते थे कि इक रहीं ईर, इक रहीं बीर, इक रहीं फत्ते...याद आया.......वैसे अच्छा लगा.....पर ब्लॉग से जुड़े नहीं हैं इस कारण बहुत समझ नहीं आया...

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  12. sahi ja rahe ho,
    kavita suna rahe ho,
    vivado ke maje lo,
    kyon apna sir khapa rahe ho.

    जवाब देंहटाएं
  13. sahi ja rahe ho,
    kavita suna rahe ho,
    vivado ke maje lo,
    kyon apna sir khapa rahe ho.

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  14. @ अर्चना जी,
    यह पूर्ति आवश्यक थी।

    मुझे गाने का वीडियो याद आ गया। बैकग्राउंड और आस पास के डांसर। ... ब्लॉग जगत के फालतू के बवालों में कई ब्लॉगर डांसरों की भूमिका अच्छी निभाते हैं।

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  15. एक दो शब्द समझ नहीं आए, और यह किस्सा पहली बार सुन रही हूँ, बढ़िया लगा।
    घुघूती बासूती

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