09 अप्रैल 2010

ब्लोगिंग बंद कर बहुत बड़ा सन्देश दिया ललित जी ने - समझदार को इशारा काफी




ललित शर्मा जी ने ब्लोगिंग से किया किनारा

दीपक
मशाल ने भी अपनी अरुचि सी दिखाई

हमें भी कुछ ऐसा ही अंदेशा अपने बारे में होता है।




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फिर भी ललित जी का इस तरह से ब्लोगिंग को छोड़ देना उन ब्लोगरों के लिए सबक है जो बिना बात के कुछ भी लिखने लगते हैं...................

अभी
पिछले दिनों एक कविता जैसी रचना ने परेशान सा किया...........
"मेरा अस्तित्व तुम्हारे वीर्य की तरह..........."

अब
हिन्दी में बिम्बों की कमी दिखती है ये हमारी सोच में सकारात्मकता की कमी है। कोई भी चाहे तो इससे भी निम्न कोटि के बिम्ब उत्पन्न कर सकता है। आप लोग चाहें तो बहुत सी लिंक हैं ऐसी जिन पर सिर्फ हस्त मैथुन, वीर्य, सम्भोग, लिंग, योनि जैसे शब्द ही प्रयोग होते हैं क्या इनको भी हिन्दी के विकास का सहयोगी मान लिया जाए?

बहरहाल
ललित जी का इस तरह लेखन बंद करना हमें कुछ आगाह करता है...........समझदार को इशारा काफी।





(चित्र गूगल छवियों से साभार)