22 मार्च 2009

भगत सिंह की याद में

अभी-अभी अपने शहर के शहीद भगत सिंह पार्क से लौटना हुआ। प्रत्येक वर्ष की भांति हमारे शहर की इप्टा इकाई द्वारा शहीद भगत सिंह और उनके दो मित्रों राजगुरू, सुखदेव की मूर्ति के सामने मोमबत्ती जलाने का कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम की रूपरेखा बहुत भव्यता से इतर सादगी और संवेदनात्मक रहती है। आज यानि की शहादत की पूर्व संध्या पर मूर्तियों के सामने ज्योति प्रज्ज्वलन के साथ-साथ देशभक्तिपूर्ण गीतों की प्रस्तुति की जाती है। दो-चार प्रमुख लोगों के विचारों की प्रस्तुति भी होती है।
अगले दिन यानि की 23 मार्च को प्रातःकाल उन शहीदों की मूर्तियों पर माल्यार्पण होने के बाद सायं 5 बजे से एक सांस्कृतिक मार्च निकाला जाता है। इसमें शहर के गणमान्य लोगों की सहभगिता होती है। गीतों, विचारों के साथ-साथ दो-तीन स्थानों पर इप्टा के एवं अन्य संस्थाओं के कलाकारों द्वारा नुक्कड़ नाटकों का भी आयोजन किया जाता है।
इन कार्यक्रमों के द्वारा जनता के बीच शहीद भगत सिंह के विचारों को प्रसारित करना होता है। उद्देश्य यह होता है कि शायद एक ही आदमी उनके विचारों से प्रेरणा प्राप्त कर साम्राज्यवाद को समाप्त करने की दिशा में कार्य करने लगे।
आइये आप भी कुछ चित्रों के द्वारा (यद्यपि चित्र साफ नहीं आये हैं फिर भी) आज के कार्यक्रम में शामिल हो लीजिए।

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